-
उत्तर प्रदेश, राज्य के लोगों के लिए स्थायी समृद्धि हेतु भागीदारी की क्षमता और कॉर्पोरेट्स/व्यक्तियों के महत्व को पहचानता है जिसके लिए नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- कंपनी अधिनियम- 2013 की धारा 135 के अनुसार किसी भी वित्तीय वर्ष के दौरान, 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक की नेट वर्थ वाली कंपनियां; या 1,000 करोड़ रुपए या अधिक का टर्नओवर वाली कंपनियां; या 5 करोड़ रुपये या अधिक का शुद्ध लाभ वाली कंपनियां, अनुसूची- VII में निहित गतिविधियों में अपने औसत शुद्ध लाभ का 2% व्यय करेंगी।
- यदि राज्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया जाता है तो सीएसआर पहलों के माध्यम से राज्य का प्रभाव बहुत अधिक हो सकता है।
नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि राज्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया जाता है तो सीएसआर पहलों के माध्यम से राज्य का प्रभाव बहुत अधिक हो सकता है। कोविड महामारी की वर्तमान स्थिति को देखते हुए हम सभी को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़ा होना होगा।
एक ओर जहां दुनिया में कोविड की स्थिति अस्थिर हो रही है और कई देशों की सरकारें व प्रशासन स्थिति से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने 2020 से इस संकट से निपटने के लिए सर्वोत्तम संभव परिणाम दिए हैं, जब यह सब शुरू हुआ था।
आर्थिक संकट और अन्य अपरिहार्य परिस्थितियों के बावजूद, उत्तर प्रदेश स्थिरता से कोविड का सामना कर रहा है और लड़ रहा है। उत्तर प्रदेश बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) 2017-18 में 12वें स्थान से बीआरएपी-19 में दूसरे स्थान पर आ गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की वार्षिक रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने भारत के कई प्रमुख राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। दूसरा रैंक प्राप्त करना स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि संकट के दौरान भी उद्यमियों को उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए गए सुधारों का लाभ मिल रहा है। यही कारण है कि हम विभिन्न क्षेत्रों में मील के पत्थर स्थापित करने में निरंतर सफल हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य के लोगों के लिए सतत समृद्धि के लिए हमारे दृष्टिकोण को प्राप्त करने में भागीदारी की शक्ति और कॉर्पोरेट्स / व्यक्तियों के महत्व को महसूस करता है, यही कारण है कि हम विभिन्न क्षेत्रों में मील के पत्थर स्थापित करने में लगातार सफल हो रहे हैं।
अब कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जीतने के लिए कॉरपोरेट राज्य सरकार से हाथ मिला रहे हैं जिससे लोगों को मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न तरीकों से मदद मिल सके। ऐसे कॉरपोरेट में फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां भी शामिल हैं।
साथ ही, कॉरपोरेट जो कोविड-19 के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश के नागरिकों का समर्थन करने के इच्छुक हैं, वे निम्नलिखित तरीकों से मदद कर सकते हैं:
- अस्पतालों/व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रूप से या इन्वेस्ट यूपी के माध्यम से मास्क, दस्ताने, पीपीई किट, कोविड केयर किट आदि दान करें
- उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दान कर सकते हैं
- आक्सीजन सिलिंडर, आक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की व्यवस्था
- कोविड अस्पतालों, ऑक्सीजन संयंत्रों आदि की स्थापना में सहायता
- जरूरतमंदों के लिए भोजन और अन्य दैनिक आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था करें
- होर्डिंग, बैनर, समाचार पत्र, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से कोविड सावधानियों, टीकाकरण, उपचार आदि के बारे में जागरूकता का प्रसार
- जागरूकता फैलाने और जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए राज्य सरकार के सहयोग से स्वयंसेवकों को तैनात करना
- ऊपर उल्लिखित के अलावा अन्य तरीकों से
कॉरपोरेट जो सीएसआर के माध्यम से उत्तर प्रदेश के नागरिकों की मदद करने के लिए इच्छुक हैं, हमसे संपर्क कर सकते हैं। नीचे दिए गए फॉर्म को भरें। कुछ ही समय में हम आपसे संपर्क करेंगे।
आइए, एक साथ मिलकर लड़ें COVID-19 के खिलाफ इस लड़ाई को।
सीएसआर के लिए कंपनियों की पात्रता
कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार सीएसआर मानदंड:
- किसी भी वित्तीय वर्ष के दौरान 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक की नेट वर्थ अथवा 1000 करोड़ रुपये या उससे अधिक का टर्नओवर अथवा 5 करोड़ रुपये या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्येक कंपनी बोर्ड की एक कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी समिति का गठन करेगी।
सीएसआर समिति प्रावधान:
- 3 से अधिक निदेशक, जिनमें से कम से कम 1 निदेशक स्वतंत्र निदेशक होगा।
सीएसआर व्यय सीमा:
- कंपनी अपनी नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में, विगत तीन वित्तीय वर्षों के दौरान किए गए कंपनी के औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2% व्यय करेगी।