कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण  |  इन्वेस्ट यूपी की आधिकारिक वेबसाइट, उत्तर प्रदेश सरकार, भारत

सेक्टर

कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण

त्वरित मेनू

भारत में परिदृश्य

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा मेगा फूड पार्क परियोजनाओं को अनुमोदन

  • भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति है।
  • भारत में निर्मित या उत्पादित खाद्य उत्पादों के संबंध में ई-कॉमर्स सहित व्यापार हेतु सरकारी अनुमोदन मार्ग के माध्यम से 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है।
  • अधिक जानकारी हेतु भारत सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (FDI Policy) देखें।
  • कृषि निर्यात में प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की हिस्सेदारी वर्ष 2014-15 में 13.7% से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 25.6% हो गई है।
  • अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में प्राप्त कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश $12.58 बिलियन था, जो कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी प्रवाह का 1.85% है।
  • वर्ष 2025 तक भारतीय खाद्य प्रसंस्करण बाजार के $535 अरब तक पहुँचने का अनुमान है, जिसकी वार्षिक चक्रवृद्धि दर (CAGR) 15.2% है। आगामी वर्षों में टियर-2 एवं टियर-3 शहरों में भी महानगरों के समान प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की खपत में वृद्धि होने की संभावना है।
  • वर्ष 2030 तक भारत का उपभोक्ता-व्यय बढ़कर $6 ट्रिलियन होने की संभावना है।
  • वर्ष 2022-23 में भारत का कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात बढ़कर लगभग $51 बिलियन तक पहुंच गया। आयात करने वाले प्रमुख देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम समेत अन्य सम्मिलित हैं।
  • भारत आम, केला, अमरुद, पपीता, चीकू, अनार, नींबू एवं आंवला जैसे विभिन्न प्रकार के फलों के उत्पादन में विश्व में अग्रणी देश के रूप में उभरा है, वहीं दूसरी ओर फलों तथा सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत से 11.1 मिलियन टन गैर-बासमती चावल तथा 5.2 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया गया था।
  • सरकार का लक्ष्य भारत को ‘श्री अन्न’ (बाजरा) का वैश्विक केंद्र बनाना है।
  • मसालों, दुग्ध एवं दालों का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक
  • चाय एवं गन्ने का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक
  • गेहूं, फल एवं सब्ज़ियों का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक
  • 0.3%कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र का सकल मूल्य वर्धन (GVA) में समग्र अर्थव्यवस्था में योगदान (वर्तमान मूल्यों पर) वर्ष 2022-23 में 18.3% रहा
  • 0.22% कुल रोजगार में 12.22% की हिस्सेदारी
  • $0 बिलियनवर्ष 2022-23 में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का $51 बिलियन का निर्यात
  • 0.6%फसल गहनता

उत्तर प्रदेश में परिदृश्य

  • वाराणसी, बाराबंकी, सहारनपुर, गोरखपुर, आदि जनपदों में 15 कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण पार्क/क्लस्टर स्थापित किए गए हैं।
  • मेगा फूड पार्क, बहेड़ी: उत्तराखंड की सीमा से निकट, बरेली से 40 किमी, मेगा फ़ूड पार्क हेतु 247.60 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है।
  • 250 विनियमित बाजार, 225 ग्रामीण बाजार, 100 eNAM मंडियां
  • 04 कृषि निर्यात क्षेत्र, 10 अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर डिपो, 1909 कोल्ड चेन इकाइयां, 35 कृषक उत्पादक संगठन (FPOs)
  • प्रमुख संस्थान जैसे कानपुर विश्वविद्यालय, अयोध्या विश्वविद्यालय, सैम हिगिनबॉटम प्रयागराज, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ तथा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली

प्रमुख कंपनियां

उल्लेखनीय प्रगति

  • शीर्ष वस्तुएं : बफ़ेलो मीट, चावल (बासमती एवं गैर-बासमती) अनाज आधारित उत्पाद, गेहूं तथा डेयरी उत्पाद
  • उत्तर प्रदेश में वर्तमान प्रमुख बाजार : दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा।
  • उत्तर प्रदेश में बासमती चावल का उत्पादन : 25.5 लाख मीट्रिक टन (क्षेत्रफल में तीसरा स्थान)
  • उत्तर प्रदेश को कालानमक चावल के लिए भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग प्राप्त है।
  • उत्तर प्रदेश में काला नमक चावल का उत्पादन : 15,000 मीट्रिक टन (2021) लगभग 7 % का उपयोग निर्यात हेतु।
  • उत्तर प्रदेश का बासमती निर्यात (2021-22) : $0.05 बिलयन, भारत : $3.5 बिलयन (6% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की संभावना)

उत्पादन (मीट्रिक टन) एवं प्रसंस्करण (मीट्रिक टन)

उत्पादन उत्पादन में उत्तर प्रदेश का स्थान प्रसंस्करण में उत्तर प्रदेश का स्थान
गेहूं 1 3
धान 2 6
गन्ना 1 2
आम 1 6
आलू 1 6
मटर 1 4
दूध 1 4
मछली 6 10+

नीतियां एवं योजनाएं

सब्सिडी एवं प्रोत्साहन 1

पूंजीगत सब्सिडी

  • संयंत्र, मशीनरी एवं तकनीकी जानपदीय कार्य – अधिकतम सीमा 35%; ₹05 करोड़ तक
  • विस्तार एवं आधुनिकीकरण/उन्नयन 35% - अधिकतम सीमा ₹01 करोड़

प्रोत्साहन

  • शुल्क में छूट : सर्किल रेट पर मूल्य का 2%
  • बाह्य विकास शुल्क पर 75% की छूट
  • भूमि उपयोग परिवर्तन पर 50% शुल्क छूट
  • स्टाम्प ड्यूटी छूट @100%

अवस्थापना हेतु सहायता 2

  • कोल्ड चैन एवं मूल्य संवर्धन अवस्थापना : अधिकतम सीमा 35%; ₹10 करोड़ तक
  • फ्रोजेन स्टोरेज/डीप फ्रीजर एवं मूल्य संवर्धन : अधिकतम सीमा 50%; ₹10 करोड़ तक
  • कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर : अधिकतम सीमा 35%; ₹10 करोड़ तक
  • बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज का निर्माण : अधिकतम सीमा 35%; ₹05 करोड़ तक

प्रौद्योगिकी एवं नवाचार3

  • सौर उर्जा परियोजनाएं : ग्रामीण क्षेत्रों में 50% सब्सिडी, महिला उद्यमियों हेतु 90%
  • विकेंद्रीकृत प्रसंस्करण एवं भंडारण को प्रोत्साहन : स्वयं सहायता समूह/किसान उत्पादक संगठनों/किसानों हेतु सहायता, कुल परियोजना लागत का 50% अथवा ₹50 लाख

बाजार की सुविधा 4

  • नेपाल, बांग्लादेश एवं भूटान को छोड़कर निर्यात पर 25% माल ढुलाई (फ्रेट) सब्सिडी
  • मंडी शुल्क एवं सेस से छूट
  • खाद्य प्रसंस्करण स्टार्टअप्स एवं स्वयं सहायता समूह/कृषक उत्पादक संगठनों/किसानों हेतु सहायता

प्रमुख सहायक उपाय

निवेश के प्रमुख अवसर

  • प्राथमिक अवसर

    प्रसंस्करण - आपूर्ति से संबंधित लाभ, स्थानीय मांग, निर्यात क्षमता में वृद्धि तथा नीतिगत समर्थन के कारण खाद्य उत्पादों के प्रसंस्करण क्षेत्र में राज्य में अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। राज्य में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध कृषि संसाधनों की प्रचुरता के दृष्टिगत आम प्रसंस्करण, हल्दी प्रसंस्करण, आँवला प्रसंस्करण, ब्रेकफास्ट एवं अन्न उत्पादन, लहसुन एवं मिर्च प्रसंस्करण आदि में निवेश, उत्तर प्रदेश में एक अत्यंत संभावनाशील अवसर है।

  • प्राथमिक अवसर

    कृषि इनपुट्स का विनिर्माण एवं आपूर्ति – राज्य की विशाल कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के दृष्टिगत उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु आवश्यक उर्वरकों, बीजों, कृषि रसायनों, कृषि-यंत्रों, मशीनरी तथा सिंचाई प्रणालियों के विनिर्माण, उत्पादन एवं आपूर्ति के क्षेत्र में अपार संभावनाएं विद्यमान हैं।

  • प्राथमिक अवसर

    एकीकृत इकाइयां - राज्य में अधिसूचित एग्रो पार्कों में प्रोसेसिंग, संरक्षण, पैकेजिंग एवं वेयरहाउसिंग सुविधाओं से युक्त एकीकृत इकाइयों के विकास में निवेश एक अत्यंत संभावनाशील अवसर है। इन एग्रो पार्कों में बहेरी स्थित मेगा फूड पार्क, बाराबंकी, खेमसेपुर (फर्रुखाबाद), करखियांव (वाराणसी) तथा बरगढ़-द्वितीय (चित्रकूट) स्थित एग्रो पार्क सम्मिलित हैं।

  • अन्य अवसर

    कृषि क्षेत्र हेतु उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सिलेन्स) की स्थापना

  • अन्य अवसर

    आलू एवं आम का प्रसंस्करण

  • अन्य अवसर

    भंडारण अवस्थापना का विकास

  • अन्य अवसर

    पैक हाउसेज़ का विकास

  • अन्य संभावनाएं

    विशेष कृषि आर्थिक क्षेत्रों का विकास

 निवेश सारथी निवेश मित्रा