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रक्षा एवं एयरोस्पेस

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भारत में परिदृश्य

  • भारत सरकार ने रक्षा एवं एयरोस्पेस सेक्टर को 'आत्मनिर्भर भारत' हेतु एक फोकस सेक्टर के रूप में चिन्हित किया है, जिसमें अपेक्षित अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा समर्थित स्वदेशी विनिर्माण संरचना की स्थापना को रेखांकित किया गया है।
  • अंतरिम केंद्रीय बजट 2024-25 में, रक्षा सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं अवस्थापना विकास से संबंधित पूंजी आवंटन को बढ़ा कर ₹1.72 लाख करोड़ कर दिया गया है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 के सापेक्ष 9.4% की वृद्धि है। केंद्रीय बजट 2024-25 में उद्योग को ₹6.22 लाख करोड़ प्राप्त होंगे, जो गत् वर्ष की तुलना में 4.79% अधिक है।
  • रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा विनिर्माण में ₹1.75 लाख करोड़ का कारोबार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें ₹35,000 करोड़ का निर्यात सम्मिलित है। अप्रैल 2023 तक रक्षा सेक्टर में कार्यरत 369 कंपनियों को कुल 606 औद्योगिक लाइसेंस निर्गत किए गए हैं।
  • घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत सरकार का लक्ष्य एक सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र तथा सहायक सरकारी नीतियों का सृजन करके ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस सुनिश्चित करना है। इस दिशा में सरकार ने डी-लाइसेंसिंग, डी-रेग्युलेशन, निर्यात प्रोत्साहन एवं विदेशी निवेश की प्रक्रिया के उदारीकरण हेतु कदम उठाए हैं।
  • सैन्य कार्य विभाग (डीएमए) ने 5,012 वस्तुओं वाली पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां निर्गत की हैं। इसके अतिरिक्त, निर्यात को प्रोत्साहित करने एवं विदेशी निवेश उदारीकरण हेतु रक्षा सेक्टर में एफडीआई को ऑटोमेटिक रूट से 74% तथा सरकारी मार्ग से 100% तक विस्तारित किया गया है।
  • भारत सरकार ने तमिलनाडु तथा उत्तर प्रदेश में दो समर्पित रक्षा औद्योगिक गलियारों की भी घोषणा की है, जो रक्षा विनिर्माण के क्लस्टर के रूप में कार्य करेंगे तथा वर्तमान अवस्थापना एवं मानव पूंजी का लाभ उठाएंगे।
  • इसके अतिरिक्त, घरेलू रक्षा एवं एयरोस्पेस विनिर्माण सेक्टर को प्रोत्साहित करने हेतु रक्षा मंत्रालय ने निजी उद्योगों के साथ साझेदारी में अत्याधुनिक परीक्षण अवस्थापना के निर्माण हेतु ₹400 करोड़ के परिव्यय के साथ रक्षा परीक्षण अवस्थापना योजना (डीटीआईएस) प्रारंभ की है।

उत्तर प्रदेश में परिदृश्य

  • उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र देश के दो समर्पित रक्षा औद्योगिक गलियारों में से एक का केंद्र है।
  • रक्षा औद्योगिक गलियारे के साथ छह नोड्स में 5000 हेक्टेयर विकसित भूमि चिन्हित की गई है।
  • छह नोड्स में अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ, चित्रकूट तथा झांसी सम्मिलित हैं।
  • उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे से 9 शहरों यथा चित्रकूट, झांसी, कानपुर, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर को लाभ प्राप्त होगा।
  • इस सेक्टर में ₹50,000 करोड़ का निवेश होने की संभावना है, जिसमें 2.5 लाख रोजगरों का सृजन संभावित है।
  • उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा लघु एवं मध्यम उद्योग आधार है, जो रक्षा उद्योग हेतु उपयुक्त है।
  • उत्तर प्रदेश में एक सुदृढ़ एयरोस्पेस तथा रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया जा रहा है। सरकार द्वारा एयरोस्पेस हब में एक मानव-रहित-वायु-वाहन (UAV) परिसर निर्मित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, यह परिसर UAV मूल उपकरण निर्माण तथा इसके कंपोनेन्ट निर्माताओं हेतु विशेष क्षेत्र प्रदान करेगा। कानपुर के निकट मानव-रहित-हवाई-प्रणाली (यूएएस) हेतु एक एकीकृत परीक्षण सुविधा की भी योजना सृजित की योजना है।
  • उत्तर प्रदेश में 7 आयुध निर्माणियां, 4 एचएएल इकाइयां तथा 2 लघु शस्त्र/फील्ड गन निर्माणियां पहले से स्थापित हैं

प्रमुख कंपनियां

उल्लेखनीय प्रगति

  • उत्तर प्रदेश सरकार नवीन संशोधित एयरोस्पेस एवं रक्षा नीति-2024 की घोषणा की है।
  • रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कानपुर (मानव-रहित-वायु-प्रणाली परीक्षण - UAST), कानपुर (संचार परीक्षण, लखनऊ), (सामग्री एवं यांत्रिक परीक्षण सुविधा) में तीन रक्षा परीक्षण अवस्थापना (डीटीआई) सुविधाओं के निर्माण हेतु ₹117.1 करोड़ की अनुदान सहायता को स्वीकृति प्रदान की है।
  • उत्कृष्टता केंद्र (CoE) - विशिष्ट क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास में निवेशकों के सहायतार्थ उत्तर प्रदेश सरकार ने आईआईटी कानपुर एवं आईआईटी (बीएचयू वाराणसी) को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित तथा वित्तपोषित किया है। राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उक्त दोनों संस्थान अपने-अपने क्षेत्रों में अनुसंधान कर रहे हैं तथा अनुसंधान एवं विकास में कमी को दूर कर रहे हैं।
  • रक्षा परीक्षण एवं जांच केन्द्र (Defence Testing and Test Centre-DTTC) – DRDO ने रक्षा परीक्षण एवं जांच केन्द्र (DTTC) की स्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है, जो लखनऊ नोड में अभूतपूर्व रक्षा-प्रौद्योगिकी आधारित सुविधा है।
 निवेश सारथी निवेश मित्रा