“अवसंरचना व औद्योगिक विकास विभाग” का गठन वर्ष 2007 में दो विभागों “औद्योगिक विकास विभाग” तथा “अवसंरचना विकास विभाग” के आपसी विलय द्वारा किया गया था । विभाग विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार औद्योगिक तथा अवसंरचनात्मक नीतियों व रणनीतियों के निर्धारण तथा कार्यान्वयन में व उत्तर प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सरकार के अंग के रूप में कार्य करता है |
अवसंरचना तथा औद्योगिक विकास तथा निवेश के सुविधायक की भूमिका के साथ यह विभाग राज्य में उपलब्ध निवेश अवसरों की सूचनाओं को निचले स्तर तक प्रेषित करने के माध्यम से निवेश प्रोत्साहन हेतु कार्य करता है | औद्योगिक विकास में क्षेत्रीय संतुलन को सुनिश्चित करना तथा उद्यमियों हेतु कार्य क्षेत्र तैयारकरने हेतु , आई आई डी डी राज्य में अनुकूल व्यापारिक वातावरण सृजित करने का प्रयास करता है । इसके अतिरिक्त शिकायतों के निराकरण, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में आने वाली बाधाओं को दूर करना इस विभाग के मुख्य उत्तरदायित्वों में से एक है |
इस विभाग के अंतर्गत आने वाली एजेंसियां/संस्थान/संगठन इस प्रकार हैं :-
- इन्वेस्ट यूपी
- औद्योगिक विकास प्राधिकरण यथा
- उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा)
- न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा)
- ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीनोएडा)
- लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा)
- गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा)
- साथरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण(सीडा)
- यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा)
- उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण ( यूपीडा )
- उत्तर प्रदेश वित्त निगम (यू पी एफ़ सी)
- प्रदेश औद्योगिक एवं विकास निगम (पिकप)
- मुद्रण एवं प्रकाशन सामग्री निदेशालय
- अन्य यथा, उत्तर प्रदेश राज्य ऊन कंपनी, सहकारी सूती मिल संघ, राज्य कताई कंपनी, राज्य कपड़ा निगम, टूल रूम प्रशिक्षण केंद्र संस्थान (आई टी यू पी)
आई आई डी डी के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कार्यों को निम्नलिखित अनुभागों के द्वारा संपादित किया जाता है :-
- अनुभाग-1 – प्रदूषण नियंत्रण, बीआईएफ़आर, सीमेण्ट/अल्कोहल/पेपर/फाउंड्री व स्टील/ इंजीनियरिंग/पेट्रो केमिकल्स/केमिकल/केरोसीन/खांड इत्यादि से संबन्धित
- अनुभाग-2 – प्रिंटिंग प्रेस/प्रकाशनों/विधायी मामलों/ सार्वजनिक उपक्रम/ सार्वजनिक शिकायतों/सी एम ओ आदि से संबन्धित कार्य
- अनुभाग-3 – वित्तीय परामर्शी कार्य , योजना, बजट, वित्तीय स्वीकृतियाँ तथा व्यय आदि से संबन्धित मामले
- अनुभाग-4 – औद्योगिक प्राधिकरण, भारत सरकार की परियोजनाओं, अवसंरचना विका कार्य, भूमि अधिग्रहण इत्यादि से संबन्धित कार्य
- अनुभाग-5 – विभिन्न अवसंरचनाओं व पी पी पी परियोजनाओं हेतु हेतु अवसंरचना के विकास से संबन्धित कार्य
- अनुभाग -6 – नीति से संबन्धित सभी कार्य, श्रमिकों हेतु उद्योग संबंधी कार्य, प्रेस व मीडिया संबंधी कार्य, उच्च स्तरीय बैठकें आदि