आईटी एवं आईटीईएस  |  इन्वेस्ट यूपी की आधिकारिक वेबसाइट, उत्तर प्रदेश सरकार, भारत

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सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाएं (आईटी/आईटीईएस)

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भारत में परिदृश्य

यूपीएसडीएम के अंतर्गत 3,000 से अधिक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों तथा 500 से अधिक प्रशिक्षण भागीदारों के साथ व्यापक व्यावसायिक शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण


उत्तर प्रदेश में परिदृश्य

उत्तर प्रदेश, भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है, जिसकी जीडीपी 256 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है एवं लगभग 240 मिलियन लोगों के साथ देश में सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। उत्तर प्रदेश सरकार ने $1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है तथा आईटी व आईटीईएस को राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने हेतु एक प्रमुख सेक्टर के रूप में चिन्हित किया गया है।

माइक्रोसॉफ्ट, टीसीएस, पेटीएम, एचसीएल, विप्रो, एमएक्यू, एडोब, इंफोसिस तथा एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स जैसी कंपनियों की उपस्थिति के साथ आईटी सेक्टर राज्य की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है।

राज्य का आईटी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग उत्तर प्रदेश आईटी, आईटीईएस नीति-2022 के माध्यम से व्यापार अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र एवं प्रतिस्पर्धी नीतिगत लाभ प्रस्तुत करता है।

ग्रेटर नोएडा में उत्तर भारत के पहले हाइपर-स्केल डेटा सेंटर योट्टा डी1 का उद्घाटन किया गया (हीरानंदानी समूह की योट्टा, एसटीटी, अडानी, सिफी टेक्नोलॉजीज, एनटीटी ग्लोबल तथा वेबवर्क्स जैसी कंपनियां राज्य को डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए एक अनुकूल गंतव्य के रूप में चिन्हित करती हैं)। वर्तमान में राज्य में 636 मेगावाट क्षमता के डेटा सेंटर विकसित किए जा रहे हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), आईटी तथा आईटीईएस सेक्टर में एक प्रमुख विकास प्रवर्तक है। एआई मात्र एक तकनीक नहीं है बल्कि आर्थिक समृद्धि हेतु एक उत्प्रेरक भी है। उत्तर प्रदेश, राज्य के भीतर तकनीकी परिदृश्य को आकार देने में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करता है। भारत सरकार के विज़न के अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य राज्य में एआई नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करना है। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में देश की पहली एआई सिटी बनाने की योजना बनाई है जिससे एआई पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित किया जा सके। एआई सिटी की परिकल्पना राज्य में एआई पारिस्थितिकी तंत्र को पोषित व प्रोत्साहित करने एवं शहर को एक नए प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में विकसित करने हेतु की गई है।

उत्तर प्रदेश आईटी एवं आईटीईएस नीति-2022 के अंतर्गत परियोजना की स्थापना हेतु आवेदन, अनुमोदन एवं लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी) निर्गत करने हेतु ऑनलाइन प्रोत्साहन प्रबंधन प्रणाली (ओआईएमएस) विकसित की गई है एवं इसे निवेश सारथी पोर्टल में एकीकृत किया गया है।

  • प्रदेश में आईआईटी कानपुर, आईआईटी वाराणसी, एनआईटी प्रयागराज, आईआईआईटी प्रयागराज, आईआईआईटी लखनऊ तथा आईआईएम लखनऊ जैसे विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थान हैं।
  • देश का चौथा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र
  • 63 इनक्यूबेटर तथा 8 यूनिकॉर्न स्टार्टअप
  • 10-20% कम लागत पर कुशल श्रम की उपलब्धता
  • अन्य आईटी केन्द्रों के अपेक्षाकृत 15-30% कम किराये पर कार्यालय स्थल
  • 12000 से अधिक उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, भारत सरकार (DPIIT) द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के साथ स्टार्टअप सेक्टर में अग्रणी राज्य
  • जेवर में भारत का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन
  • 300 एसटीपीआई पंजीकृत आईटी इकाइयों की उपस्थिति
  • आईटी एवं आईटीईएस सेक्टर में लगभग 3.55 लाख लोगों हेतु रोजगार सृजन
  • उत्तर प्रदेश में 40 से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र
  • युवा जनसांख्यिकी लाभांश: कुल जनसंख्या का 56% कार्यशील आयु वर्ग (18-60 वर्ष) है
  • कुल 8,077 उच्च शिक्षा संस्थान (भारत में दूसरे स्थान) जिनमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं:
    • 72+ विश्वविद्यालय
    • 6000 महाविद्यालय
  • उत्तर प्रदेश में शिक्षा प्रौद्योगिकी स्टार्टअप

प्रमुख कंपनियां

उल्लेखनीय प्रगति

एस.टी.पी.आई. तथा विशेष आर्थिक परिक्षेत्र से ₹72,000 करोड़ के निर्यात के साथ आईटी/आईटीईएस सेक्टर में उल्लेखनीय प्रगति

नोएडा, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज तथा आगरा में 06 सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एस.टी.पी.आई.)

देश में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क वाले इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में शीर्ष से तीसरा स्थान, उच्च गुणवत्ता के आईटी सेक्टर के प्रतिभावान कार्यबल का विकास

वाराणसी, बरेली, पनकी (कानपुर) तथा गोरखपुर में 4 एस.टी.पी.आई. आईटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं

नीतियां एवं योजनाएं

नीति की विशेषताएं

  • यह नीति निवेश मित्र पोर्टल के साथ एकीकृत ऑनलाइन प्रोत्साहन प्रबंधन प्रणाली (ओआईएमएस) के माध्यम से संचालित होती है
  • अधिकतम ₹50 करोड़ की सीमा के अधीन स्थायी पूंजी निवेश के 10% की दर से पूंजीगत सब्सिडी (आईटी इकाइयों हेतु)
  • 5 वर्षों हेतु लीज़ किराया, बैंडविड्थ व्यय, डेटा सेंटर/क्लाउड सर्विस लागत तथा बिजली शुल्क को आच्छादित करते हुए ₹20 करोड़ प्रति वर्ष तक 10% की दर से परिचालन सब्सिडी
  • अधिकतम ₹5 करोड़ की सीमा के अधीन पात्र अनुसंधान एवं विकास व्यय का 50%
  • अधिकतम ₹50 करोड़ की सीमा के अधीन 25% छूट पर भूमि सब्सिडी
  • 100% स्टाम्प ड्यूटी में छूट
  • अधिकतम ₹10 करोड़ की सीमा के अधीन कुल उत्कृष्टता केंद्र परियोजना (CoE) लागत का 50%
  • अधिकतम ₹20 करोड़ की सीमा के अधीन आईटी पार्क हेतु 25% की दर से पूंजीगत सब्सिडी
  • आईटी सिटी हेतु अधिकतम ₹100 करोड़ की सीमा के अधीन 25% की दर से पूंजीगत सब्सिडी
  • प्रगतिशील प्रौद्योगिकियों में पाठ्यक्रम शुल्क के 50% की दर से कौशल विकास सहायता, प्रति अभ्यर्थी ₹50,000 तक
  • अधिकतम ₹5 करोड़ की सीमा के अधीन पात्र अनुसंधान एवं विकास व्यय का 50%

निवेश के प्रमुख अवसर

निवेश के प्रमुख अवसर

  • आईटी सिटी/आईटी पार्कों का अवस्थापना विकास
  • आईटी/आईटीईएस इकाइयां
  • प्रगतिशील प्रौद्योगिकियों हेतु उत्कृष्टता केंद्र (CoE)
  • अनुसंधान एवं विकास केंद्र तथा डिजाइन केंद्र

प्रमुख शहर

  • सॉफ्टवेयर कंपनियां (वैश्विक क्षमता केंद्र) दिल्ली एनसीआर से निकटता के लाभ के कारण आकर्षित हो रही हैं
  • कानपुर में रोबोटिक तथा ड्रोन हॉटस्पॉट, आईआईटी कानपुर के मेक्ट्रोनिक्स केंद्र का लाभ
  • प्रतिष्ठित संस्थानों (आईआईटी-बीएचयू, एमएनआईटी, आईआईआईटी) से गुणवत्तापूर्ण इंजीनियरिंग प्रतिभा का लाभ प्राप्त कर के इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास हब
  • एआई सिटी, लखनऊ की स्थापना का प्रस्ताव जिससे प्रगतिशील टियर-2 शहरों को नोएडा के बाद अगले आईटी हब में विकसित किया जा सके
 निवेश सारथी निवेश मित्रा