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सेक्टर

चिकित्सा उपकरण तथा फार्मा

त्वरित मेनू

भारत में परिदृश्य

एशिया में भारत चिकित्सा उपकरणों का चौथा सबसे बड़ा बाजार है तथा विश्वस्तर पर शीर्ष 20 बाजारों की सूची में आता है।

भारत में चिकित्सा उपकरण उद्योग का अनुमानित वर्तमान बाजार $11 बिलियन का है। भारत में चिकित्सा उपकरण उद्योग में बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ-साथ लघु तथा मध्यम उद्यम (SME) भी सम्मिलित हैं, जो अभूतपूर्व स्तर पर स्थापित हो रहे हैं।

  • चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण हेतु ऑटोमेटिक रूट के अंतर्गत 100% तक एफडीआई की अनुमति है। सुदृढ़ एफडीआई प्रवाह भारतीय बाजार में वैश्विक कंपनियों के विश्वास को दर्शाता है।
  • अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक चिकित्सा तथा सर्जिकल उपकरणों में $3.28 बिलियन का एफडीआई प्रवाह।
  • अधिक जानकारी हेतु कृपया भारत सरकार की एफडीआई नीति देखें।

उत्तर प्रदेश में परिदृश्य

  • सेक्टर की प्रगति: गत वर्षों में उत्तर प्रदेश में फार्मास्यूटिकल तथा चिकित्सा उपकरण सेक्टर ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
  • फोकस सेक्टर: राज्य की औद्योगिक नीति में इसे आधिकारिक रूप से प्रमुख सेक्टर के रूप में मान्यता दी गई है।
  • निवेश: फरवरी 2023 में आयोजित उ. प्र. ग्लोबल इन्वेस्ट समिट में इस सेक्टर की अपार क्षमता पर फोकस किया गया, जिससे पर्याप्त निवेश आकर्षित हुआ।
  • प्रस्तावित निवेश: इस सेक्टर में कुल 217 कंपनियों ने लगभग ₹28,500 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
  • रोजगार सृजन: इस निवेश से लगभग 57,000 रोजगार अवसर सृजित होने की सम्भावना है।
  • आर्थिक प्रभाव: इस सेक्टर के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था को उल्लेखनीय लाभ होने की सम्भावना है।
  • वर्ष 2014 के मेक-इन-इंडिया अभियान के अंतर्गत भारत को एक सनराइज़ सेक्टर के रूप में मान्यता प्राप्त
  • वर्ष 2025 तक इस सेक्टर का बाजार $50 बिलियन तक पहुंचने की सम्भावना
  • प्रगतिशील बाजारों में भारत का चिकित्सा उपकरण बाजार सबसे तेजी से विकसित हो रहा है
  • 0% बाजार वृद्धि दर (अनुमानित)
  • भारत में 0+ प्रकार के चिकित्सा उपकरण
  • 0% आगामी 25 वर्षों में बाजार भागीदारी में 10-12% वृद्धि होने की सम्भावना

प्रमुख कंपनियां

इस उद्योग में प्रमुख विकास

अनुसंधान एवं विकास आधार

18 विश्वस्तरीय फार्मास्युटिकल अनुसंधान संस्थानों का आधार, यथा- सीएसआईआर (लखनऊ), एनआईबी-नोएडा, आईआईटीआर-लखनऊ, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ तथा एनबीआरआई आदि।

मानव संसाधन
विकास

राज्य को 208 मेडिकल, बायो-टेक्नोलॉजी एवं फार्मेसी महाविद्यालयों से लाभ प्राप्त होता है, जो इस उद्योग हेतु कुशल कार्यबल विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु विभिन्न उपाय किए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञों की नियुक्ति से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित होती हैं।

स्वास्थ्य सेवा अवस्थापना

राज्य में कुल 30,000 से अधिक एससी, पीएचसी, सीएचसी तथा उप-जनपदीय चिकित्सालय हैं।

जन औषधि परियोजना
केंद्र

प्रगतिशील 'जन औषधि परियोजना केंद्र', 01 लाख फार्मासिस्ट तथा 86,000 से अधिक रीटेल फार्मेसी

टेलीमेडिसिन एवं ई-हेल्थ

दूरस्थ क्षेत्रों में रोगियों को डॉक्टरों से ऑनलाइन अथवा दूरसंचार के माध्यम से परामर्श करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड तथा ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम के साथ ई-स्वास्थ्य पहल, स्वास्थ्य सेवा वितरण का सुव्यवस्थीकरण।

मातृ एवं शिशु
स्वास्थ्य कार्यक्रम

जननी सुरक्षा योजना तथा मिशन इंद्रधनुष जैसे कार्यक्रम सुरक्षित प्रसव, टीकाकरण एवं माताओं व बच्चों हेतु बेहतर स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित हैं।

नीतियां एवं योजनाएं

₹200 करोड़ तक के निवेश पर 15% की दर से पूंजी सब्सिडी 5 वार्षिक किस्तों में प्रदान की जाएगी
कॉमन बॉयलर स्थापित करने हेतु ₹2 करोड़ तक की निश्चित किस्त लागत का 35% (ठोस ईंधन हेतु), 50% (स्वच्छ ईंधन हेतु) ब्याज सब्सिडी
क्लिनिकल परीक्षणों हेतु कुल व्यय के 75% की प्रतिपूर्ति
संयंत्र एवं मशीनरी के क्रय हेतु लिए गए ऋण पर 5 वर्षों हेतु 5% प्रति वर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी, स्व-उपयोग हेतु भवन निर्माण पर प्रति वर्ष ₹1 करोड़ तक प्रति इकाई; अनुसंधान गुणवत्ता सुधार हेतु 5 वर्षों के लिए 50% प्रति वर्ष की दर से ₹2 करोड़ प्रति इकाई तक ब्याज सब्सिडी।
आईएसओ प्रमाणन हेतु लागत का 75% तथा बीआईएस प्रमाणन हेतु लागत का 50% गुणवत्ता प्रमाणन सब्सिडी
टाम्प ड्यूटी में 100% छूट
घरेलू पेटेंटों पर वास्तविक फाइलिंग लागत की 100% पेटेंट फाइलिंग सब्सिडी; अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट पर वास्तविक फाइलिंग लागत का 50%
सभी नवीन इकाइयों को 10 वर्षों हेतु 100% इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट
अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित करने हेतु 50% वार्षिक दर पर 5 वर्षों हेतु ₹10 लाख तक के ऋण पर ब्याज सब्सिडी
अनुसंधान एवं विकास संस्थान स्थापित करने हेतु लिए गए ऋण पर वार्षिक ब्याज के 60% की दर से सहायता
अनुबंध/प्रायोजित अनुसंधान हेतु उत्तर प्रदेश में स्थित संस्थानों को पात्र परियोजना लागत पर 50% सब्सिडी

निवेश के प्रमुख अवसर

  • टेलीमेडिसिन

    सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से डॉक्टरों के समर्पित टेलीमेडिसिन केन्द्रों की स्थापना

  • पैरामेडिकल

    पैरामेडिकल शिक्षा अवस्थापना का विकास - सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग तथा पैरामेडिकल कॉलेजों को संचालित करने हेतु सार्वजनिक-निजी भागीदारी

  • स्वास्थ्य सेवा में एआई/एमएल (AI/ML)

    विविध जनसांख्यिकीय एवं महामारी विज्ञान (Epidemicological) प्रोफ़ाइल को लाभ में परिवर्तित करने हेतु एआई/एमएल आधारित डायग्नोस्टिक सेंटर की स्थापना / एआई/एमएल समाधान का विकास

  • अवस्थापना

    सार्वजनिक-निजी भागीदारी तथा/अथवा निजी चिकित्सालयों के माध्यम से स्पेशियलिटी तथा सुपर-स्पेशियलिटी चिकित्सालय का अवस्थापना विकास

  • ट्रामा केयर नेटवर्क

    उत्तर प्रदेश के ट्रामा केयर नेटवर्क को सुदृढ़ करना - मोबाइल एप्लीकेशन, नियंत्रण कक्ष तथा एएलएस एम्बुलेंस के विकास हेतु सार्वजनिक-निजी भागीदारी

  • मेडिकल कॉलेज

    सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा अवस्थापना का विकास

  • क्लिनिकल परीक्षण

    राज्य में प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को नियोजित करते हुए राज्य के भीतर क्लिनिकल परीक्षण एवं अनुसंधान राज्य में एएल/एमएल

निवेश सारथी निवेश मित्रा -->