उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024
उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024 ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया उत्पादन इकाइयों तथा ग्रीन हाइड्रोजन आधारित उत्पाद विनिर्माण इकाइयों में निवेश प्रोत्साहित करने हेतु व्यापार प्रक्रिया को सरल बनाती है।
- लक्ष्य
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2028 तक ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया का 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता लक्षित है। लक्ष्य की प्राप्ति हेतु नीति के उद्देश्य में निम्नलिखित बिंदुओं पर बल दिया गया है-
- भारत सरकार के ग्रीन हाइड्रोजन मिशन एवं नीतियों के अनुरूप प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन / अमोनिया के उपभोग को बढ़ावा देना।
- अनुसंधान, विकास एवं तकनीकी नवाचार गतिविधियों को क्रियान्वित करने के लिए चार (04) उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करना।
- प्रदेश में हाइड्रोजन की वर्तमान माँग लगभग 0.9 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) है, जिसका मुख्य रूप से उर्वरक एवं रिफाइनरी क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है। प्रदेश की घरेलू माँग की पूर्ति हेतु ग्रीन हाइड्रोजन / अमोनिया के उत्पादन को बढ़ावा देना तथा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास हेतु औद्योगिक अवस्थापनया का विकास करना।
- प्रमुख प्रोत्साहन-लाभ
पूंजीगत सब्सिडी
- 30% तक पूंजीगत सब्सिडी
- प्रथम 5 परियोजनाओं को अधिकतम ₹225 करोड़ की सीमा सहित 40% तक की पूंजीगत सब्सिडी
- भूमि एवं जल संसाधन – प्रोत्साहन-लाभ
- भूमि हेतु प्रविधान:
- निजी विकासकर्ताओं हेतु ₹15,000 प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर पर; तथा
- सार्वजनिक क्षेत्र के निर्माताओं हेतु ₹1 प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर पर भूमि उपलब्ध करायी जाएगी।
- स्टाम्प ड्यूटी में 100% की छूट
- कैप्टिव सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए 20 मेगावाट/किलो टन/वर्ष की अधिकतम क्षमता के साथ 5 एकड़/मेगावाट की दर से भूमि आवंटित की जा सकती है।
- विद्युत आपूर्ति प्रोत्साहन-लाभ
- प्रथम 10 वर्षों अथवा परियोजना के पूर्ण जीवन चक्र हेतु, जो भी पहले हो, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 100% छूट।
- प्रथम 10 वर्षों अथवा परियोजना के पूर्ण जीवन चक्र हेतु, जो भी पहले हो, अंतर-प्रांतीय व्हीलिंग/ट्रांसमिशन/क्रॉस-सब्सिडी सरचार्ज पर 100% छूट।
- ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए बैंकिंग सुविधा (मासिक) 25 वर्षों अथवा परियोजना के पूर्ण जीवन चक्र हेतु, जो भी पहले हो, प्रदान की जाएगी।
- परियोजना इकाई में ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए उपभोग की गई नवीकरणीय ऊर्जा को परियोजना विकासकर्ता के लिए आरपीओ का एक भाग माना जाएगा।
- व्यापार करने की सहजता (ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस)
- पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को श्वेत श्रेणी के अंतर्गत रखा जाएगा।
- ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में निवेश को सुगम बनाने हेतु लैंड बैंक, जल उपलब्धता के स्रोत तथा ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्मित किए जाएंगे।
- ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं हेतु समर्पित सिंगल विंडो पोर्टल।