मुख्य वित्तीय प्रोत्साहन
- पूंजीगत सब्सिडी: भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई पूंजीगत सब्सिडी की 50% अतिरिक्त पूंजीगत सब्सिडी
- ब्याज सब्सिडी: ₹200 करोड़ तक का निवेश करने वाली इकाइयों को (ब्याज दर पर) प्रतिवर्ष 5% की दर से ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी। प्रत्येक इकाई को 7 वर्षों के लिए प्रतिवर्ष ₹1 करोड़ (अधिकतम ₹7 करोड़ प्रति इकाई)।
- भूमि की लागत में छूट: प्रादेशिक संस्थाओं से क्रय की गई भूमि के प्रथम 200 एकड़ पर 75% की सब्सिडी। इकाई/ अनुषंगी इकाई (एटीएमपी/ओएसएटी इकाई) हेतु क्रय की गई अतिरिक्त भूमि पर 30% की सब्सिडी।
- स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क में छूट: भूमि के क्रय/ लीज पर 100% की छूट।
- इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट: 10 वर्षों के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 100% की छूट।
- डबल पावर ग्रिड नेटवर्क: राज्य में स्थापित एफएबी इकाइयों को प्रदान किया जाएगा। एक ग्रिड (दो में से निम्न) की लागत की प्रतिपूर्ति आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा की जाएगी, जबकि अन्य ग्रिड की लागत निवेशक द्वारा वहन की जाएगी।
- ट्रांसमिशन तथा व्हीलिंग प्रभार: विद्युत के अंतरा-राज्यी क्रय पर व्हीलिंग / ट्रांसमिशन प्रभार पर परियोजना की कमीशनिंग से 25 वर्षों तक 50% की छूट प्रदान की जाएगी।
- कौशल एवं प्रशिक्षण सहायता: फैकल्टी प्रशिक्षण / तकनीकी वर्कशॉप, जागरुकता कार्यक्रम अथवा विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित करने के लिए 5 वर्षों तक प्रतिवर्ष ₹60 लाख दिए जाएंगे, जिसका कुल योग ₹3 करोड़ होगा। इसके अतिरिक्त 5 वर्षों तक प्रतिवर्ष 500 छात्रों को इंटर्नशिप हेतु सहायता प्रदान की जाएगी; मुख्यमंत्री इंटर्नशिप स्कीम के अंतर्गत प्रति छात्र ₹20 हजार की सहायता दी जाएगी।
- स्टैंडअलोन अनुसंधान एवं विकास केंद्र: स्टैंडअलोन अनुसंधान एवं विकास केंद्र को स्थापित करने हेतु सरकार द्वारा यथोचित शर्तों तथा अधिकतम ₹10 करोड़ की सीमा के अधीन 25% की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
- उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलैंस): प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों तथा/अथवा औद्योगिक संघों/उद्योग या किसी अन्य सरकारी/निजी इकाई के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलैंस स्थापित करने हेतु अधिकतम ₹10 करोड़ की सीमा के अधीन सेंटर ऑफ एक्सीलैंस परियोजना की कुल लागत का 50% तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- पेटेंट पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति: पेटेंट पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति 75 % की दर पर प्रदान की जाएगी, जिसमें घरेलू पेटेंट हेतु अधिकतम ₹10 लाख तथा विदेशी पेटेंट हेतु अधिकतम ₹20 लाख की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
- औद्योगिक आवास: इकाई-परिसर के 10 किमी की परिधि में कार्मिक आवास के विकास की लागत का 10 % अथवा ₹10 करोड़ (जो भी कम हो) 7 बराबर वार्षिक किश्तों में प्रदान किया जायेगा।
मुख्य गैर-वित्तीय प्रोत्साहन
- जल की उपलब्धता: सभी परियोजनाओं को अच्छी गुणवत्ता का जल प्रदान किया जाएगा।
- पावर बैंकिंग: इकाई को नवीकरणीय / हरित ऊर्जा के लिए पावर बैंकिंग प्रदान की जाएगी, इसे राज्य के (विद्युत नियामक आयोग) ईआरसी दिशानिर्देशों के अनुसार शासित किया जाएगा।
- नॉन-डिस्टर्बेंस प्राविधान: व्यवसाय-निरंतरता प्रदान करने के लिए नॉन-डिस्टर्बेंस प्राविधान।
- तीन शिफ्ट्स में संचालन: 24×7 संचालन एवं तीनों शिफ्ट्स में महिलाओं की नियुक्ति, बशर्ते इकाई द्वारा महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और सुरक्षा के संबंध में आवश्यक सावधानी बरती जाए।