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नवीकरणीय ऊर्जा

त्वरित मेनू

भारत में परिदृश्य

एक सतत विश्व का निर्माण

  • विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधानों के अधीन नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन तथा वितरण परियोजनाओं हेतु ऑटोमेटिक रूट के अंतर्गत 100% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है।
  • अधिक जानकारी हेतु कृपया भारत सरकार की एफडीआई नीति देखें।
  • भारत, विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है।
  • भारत, नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता (वृहद हाइड्रो सहित) में विश्व में चौथे स्थान पर है, पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे स्थान पर है तथा सौर ऊर्जा क्षमता में पांचवें स्थान पर है (REN21 Renewable 2024 Global Status रिपोर्ट के अनुसार)। भारत ने COP26 में वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा का एक वर्धित लक्ष्य निर्धारित किया है। यह पंचामृत के अंतर्गत एक प्रमुख संकल्प है। यह नवीकरणीय ऊर्जा में विश्व की सबसे बड़ी विस्तारीकरण योजना है।
  • विगत 8.5 वर्षों में भारत की स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता 396% की वृद्धि हुई है एवं यह 201.75 गीगावाट (वृहद हाइड्रो तथा परमाणु ऊर्जा सहित) से अधिक है, जो देश की कुल क्षमता (मई 2024 तक) का लगभग 45.3% है। वर्ष 2022 में भारत में नवीकरणीय ऊर्जा में 9.83% की उच्चतम वार्षिक वृद्धि हुई है। विगत 9 वर्षों में स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता में 30 गुना वृद्धि हुई है तथा मई 2024 तक यह 84.27 गीगावाट हो गई है। राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE) के अनुमान के अनुसार भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 748 GWp होने का अनुमान है। वर्ष 2014 से स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (वृहद हाइड्रो सहित) में लगभग 128% की वृद्धि हुई है।

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    वर्ष 2014 से सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 2.6 गीगावाट से बढ़कर 84.27 गीगावाट हो गई
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    वर्ष 2014 से पवन ऊर्जा की क्षमता 21 गीगावाट से बढ़कर अब 46.92 गीगावाट हो गई है
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    कुल स्थापित क्षमता में भारत की हिस्सेदारी

उत्तर प्रदेश में परिदृश्य

  • वित्तीय वर्ष 2028 तक कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 40,191 मेगावाट होगी, जिसमें से 30,003 मेगावाट संचालित है।
  • सरकारी योजनाएं, जैसे- सौर तथा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं का विकास, कुसुम योजना, ग्राम विद्युतीकरण कार्यक्रम।
  • उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2028 तक कुल 14 गीगावाट की उपयोगिता पैमाने की सौर ऊर्जा विद्युत परियोजनाओं की योजना बनाई गई है।
  • ग्रीन पावर टैरिफ : उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अतिरिक्त लागत के 50% पर ग्रीन एनर्जी टैरिफ प्रारंभ करने का निर्णय लिया है, जो ₹0.54 प्रति kWh है।
  • यूपीईआरसी में नेट बिलिंग/नेट फीड-इन (रूफटॉप सोलर पीवी ग्रिड इंटरएक्टिव सिस्टम ग्रॉस/नेट मीटरिंग) प्रारंभ किया गया है।

प्रमुख कंपनियां

उल्लेखनीय प्रगति

संचरण अवस्थापना

  • मांग को पूरा करने हेतु विभिन्न वोल्टेज स्तर पर संचालित ₹154,878 एमवीए के ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं।
  • उत्तर प्रदेश में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर फेज-II के अंतर्गत कुल ₹17,965 करोड़ के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई गई है।
  • 50,000 से अधिक सर्किट किलोमीटर की ट्रांसमिशन लाइनें तथा 624 सब-स्टेशन स्थापित किए गए हैं। 132/33 केवी उपकेंद्र तथा ट्रांसमिशन लाइनें स्थापित किए गए उपकेंद्रों में सबसे अधिक हैं।

राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाएं

  • 265 मेगावाट क्षमता के ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सौर संयंत्र स्थापित किए गए हैं
  • कुसुम-सी योजना के अंतर्गत यूपीपीसीएल द्वारा 150 मेगावाट सौर ऊर्जा के वितरण का अनुबंध किया गया है
  • भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में 3,565 मेगावाट की कुल क्षमता वाले सौर पार्कों को स्वीकृति प्रदान की है

नीतियां एवं योजनाएं

नीति से संबंधित मुख्य बिंदु

  • अयोध्या को आदर्श सौर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 16 नगर निगमों तथा नोएडा शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • सरकारी भवनों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के भवनों, विद्यालयों, सरकारी महाविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों आदि को सोलर रूफटॉप संयंत्रों से आच्छादित किया जाएगा।
  • उत्तर प्रदेश द्वारा यूपीपीसीएल, अंतरराज्यीय एवं अंतःराज्यीय के अतिरिक्त तीसरे पक्षों को विद्यतु के कैप्टिव उपभोग एवं बिक्री हेतु सौर ऊर्जा परियोजनाएं विकसित की जाएंगी।
  • सौर ऊर्जा पार्कों का विकास।
  • पृथक कृषि फीडरों तथा ग्रिड से जुड़े निजी नलकूपों का सौरीकरण (Solarisation)।

विशेष प्रोत्साहन

  • सौर ऊर्जा संयंत्र/सोलर पार्क की स्थापना हेतु उपयोग की जाने वाली भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी में 100% छूट
  • अधिकतम 10 वर्ष की अवधि हेतु इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 100% छूट प्रदान की जाएगी।
  • चार घंटे की बैटरी स्टोरेज के साथ उपयोगिता पैमाने की सौर प्रणालियों को प्रोत्साहित करने हेतु ₹2.5 करोड़/मेगावाट की दर से राज्य सब्सिडी उपलब्ध है।
  • 25 वर्ष तक प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 100% तक ऊर्जा बैंकिंग
  • सरकारी भूमि 30 वर्ष तक पट्टे पर उपलब्ध
  • 4 घंटे की बैटरी स्टोरेज प्रणाली के साथ उपयोगिता पैमाने पर सौर प्रणालियों को प्रोत्साहन हेतु $0.3 मिलियन /मेगावाट की दर से सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

निवेश के प्रमुख अवसर

  • पम्प भंडारण संयंत्र (पीएसपी)

  • ग्रिड से जुड़े हुए रूफटॉप सौर संयंत्र/प्रणालियां

  • प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ समर्पित सोलर पार्क

  • सोलर सिटी

  • सोलर पार्कों हेतु सौर परियोजनाएं

  • सीमित उपभोग हेतु सौर ऊर्जा संयंत्र

  • ग्रीन हाइड्रोजन इकाइयां

  • ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया में अनुसंधान, विकास तथा प्रौद्योगिकी नवाचार गतिविधियों का संचालन करने हेतु उत्कृष्टता केंद्र (CoE)

  • जैव ऊर्जा इकाइयां जिनमें बायो-सी.बी.जी. तथा बायो-सी.एन.जी. इकाइयां, बायो-कोयला संयंत्र, सह-उत्पादन परियोजनाएं सम्मिलित हैं।

  • बायो-गैस इकाइयां

  • सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी नवाचार

  • संपीडित बायोगैस (CBG) संयंत्र, बायो डीजल उत्पादन संयंत्र तथा जैव ऊर्जा अपशिष्ट का उपयोग करने वाले बायो कोयला उत्पादन संयंत्र

 निवेश सारथी निवेश मित्रा