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इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी

त्वरित मेनू

भारत में परिदृश्य

प्रगति को प्रोत्साहन

इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग (ई.एस.डी.एम.) एक तेजी से विकसित होता हुआ उद्योग है, जो संपूर्ण विश्व में जीवन, व्यवसाय तथा अर्थव्यवस्थाओं में उल्लेखनीय परिवर्तन कर रहा है। निकट भविष्य में भारत $1 ट्रिलियन की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। वर्तमान में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार का मूल्य $155 बिलियन का है, जिसमें घरेलू उत्पादन की 65% भागीदारी है।

5G नेटवर्क तथा IoT (Internet of Things) जैसे प्रौद्योगिकीय परिवर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों को तीव्रता से अपनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। ‘डिजिटल इंडिया’ तथा ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजनाओं जैसी पहलों ने इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के बाजार में IoT की मांग में वृद्धि की है एवं निसंदेह यह इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों हेतु एक नए युग का आरंभ होगा।

  • ऑटोमेटिक रूट से 100% एफडीआई की अनुमति है। डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रकरण में, ऑटोमेटिक रूट से 49% तक एफडीआई की अनुमति है एवं 49% से अधिक हेतु सरकार के अनुमोदन की आवश्यकता है।
  • अधिक जानकारी हेतु कृपया भारत सरकार की एफडीआई नीति देखें।
  • वर्तमान में, भारत के घरेलू उत्पादन की 13% के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से वृद्धि हुई है जिसके परिणामस्वरूप घरेलू उत्पादन वित्तीय वर्ष-2017 में $49 बिलियन से वित्तीय वर्ष-2023 में $101 बिलियन हो गया है।
  • वित्तीय वर्ष-2026 तक देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात $120 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।
  • मई 2024 में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात $2.97 बिलियन दर्ज किया गया था, जबकि मई 2023 में यह $2.41 बिलियन था, अर्थात 22.97% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
  • नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2023 में भारत 60वें स्थान पर है, जो वर्ष 2021 में 67वें स्थान पर था अर्थात भारत ने 7 स्थानों की प्रगति की है।
  • डेटा मूल्य में 96% की कमी हुई है, जो वर्ष 2014 में ₹269 प्रति GB से वर्ष 2023 में ₹9.94 प्रति GB हो गई है।
  • विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माता एवं इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार
  • विगत 6 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स के घरेलू उत्पादन में 2 गुना से अधिक की वृद्धि
  • प्रति उपयोगकर्ता औसत मासिक डेटा ट्रैफ़िक: वित्तीय वर्ष-2018 में 9.5 GB से वित्तीय वर्ष-2022 में 19.5 GB तक में 19% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR)
  • वित्तीय वर्ष-2026 तक $0ट्रिलियन की डिजिटल अर्थव्यवस्था
  • $0बिलियन भारतीय इलेक्ट्रॉनिक बाजार
  • $0बिलियन ई.एस.डी.एम. एवं संबद्ध क्षेत्रों हेतु राजकोषीय प्रोत्साहन
  • ई.एस.डी.एम. क्लस्टर: भारत के 45% स्मार्टफोन विनिर्माण तथा 55% मोबाइल कंपोनेन्ट्स का केंद्र
  • 2 ग्रीनफील्ड ई.एस.डी.एम. क्लस्टर: यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के सेक्टर 24 में तथा ग्रेटर नोएडा में इकोटेक VI एवं VII में
  • ओप्पो, वीवो तथा सैमसंग ग्रेटर नोएडा में अपने संयंत्र संचालित कर रहे हैं, जो भारत के मोबाइल विनिर्माण बाजार की 40% भागीदारी है
  • प्रमुख कंपनियां

    उल्लेखनीय प्रगति

    मोबाइल विनिर्माण, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, दूरसंचार, आईटी हार्डवेयर, ड्रोन, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि पर केंद्रित 3 इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे

    औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, LED लाईटिंग, CFL, ऊर्जा मीटर आदि।

    अनुसंधान, नवाचार एवं कौशल विकास प्रगतिशील प्रौद्योगिकी क्षेत्रों, जैसे ऑग्मेंटेड रियलिटी (AR), वर्चुअल रियलिटी (VR), ड्रोन, रोबोटिक्स, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग आदि में सहायता हेतु

    घरेलू / विदेशी निवेशकों हेतु सरकारी / निजी एजेंसियों के सहयोग से संपूर्ण राज्य में ई.एस.डी.एम. पार्कों की स्थापना

    प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों / उद्योग संघों / अन्य सरकारी/निजी संस्थाओं के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित किए जाएंगे।

    नीतियां एवं योजनाएं

    • उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग हेतु वरीय गंतव्य के रूप में स्थापित करना
    • प्रदेश में तीन (3) इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (EMC) स्थापित करना
    • प्रदेश में लगभग 4 लाख (0.4 मिलियन) रोजगार के अवसर प्रदान करना
    • अनुसंधान, नवाचार एवं उद्यमशीलता की संस्कृति को प्रोत्साहित करना

    नीतिगत विशेषताएं

    200 करोड़ तक के निवेश वाली इकाइयों को 5% प्रति वर्ष (ब्याज दर पर) ब्याज सब्सिडी, निर्दिष्ट शर्तों के अधीन
    टाम्प ड्यूटी: पृथक एकल इलेक्ट्रॉनिक्स इकाइयों हेतु स्टाम्प ड्यूटी में 100% छूट; ईएमसी / इलेक्ट्रॉनिक्स पार्कों हेतु भूमि के क्रय/लीज हेतु प्रथम लेनदेन पर स्टाम्प ड्यूटी में 100% छूट; दूसरे लेनदेन पर 50% छूट उपलब्ध होगी।
    भूमि सब्सिडी: मध्यांचल एवं पश्चिमांचल क्षेत्रों में राज्य एजेंसियों से भूमि क्रय पर प्रचलित क्षेत्र दरों पर 25% की दर से भूमि सब्सिडी। बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल क्षेत्रों में राज्य एजेंसियों से भूमि क्रय पर प्रचलित क्षेत्र दरों पर 50% की छूट
    इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी: सभी इलेक्ट्रॉनिक्स इकाइयों को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी पर अधिकतम 10 वर्षों हेतु प्रदान की जाएगी।, पश्चिमांचल में संचालित इकाइयों हेतु 50% की छूट, मध्यांचल में संचालित इकाइयों हेतु 75% एवं पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड में संचालित इकाइयों हेतु 100% छूट प्रदान की जाएगी।

    सेमीकंडक्टर इकाइयों हेतु

    एंकर इकाइयों हेतु 1.5% से 5% तक अतिरिक्त पूंजीगत सब्सिडी
    प्रथम 200 एकड़ भूमि पर 75% सब्सिडी, तदोपरांत अतिरिक्त भूमि क्रय पर 30% सब्सिडी
    अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ईटीपी) की स्थापना हेतु एकमुश्त पूंजी सब्सिडी
    20 वर्षों हेतु इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट
    एफएबी इकाइयों हेतु दोहरी पावर ग्रिड नेटवर्क
    सामान्य सुविधा केन्द्रों (CFC) की स्थापना हेतु सब्सिडी

    निवेश के प्रमुख अवसर

    भविष्य के विकास के अवसर

    मूल्य श्रृंखला में अवसर

    • स्मार्टफोन, लैपटॉप, टेलीविजन, इंफोटेन्मेंट सिस्टम, ऑटोमोबाइल संचार, आदि
    • स्मार्टफोन तथा अन्य कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र, मुख्यतः LCD

    आयात प्रतिस्थापन हेतु अवसर

    • ₹5,100 करोड़ (723 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की मांग को पूरा करने का अवसर
    • संभावित उत्पादों में मॉनिटर, साउंड रिकॉर्डिंग मीडिया, स्टोरेज डिवाइस, इंसुलेटेड इलेक्ट्रिक कंडक्टर, डेटा ट्रांसमिशन/रिसेप्शन उपकरण आदि सम्मिलित हैं

    निर्यात की संभावनाएं

    • ASEAN देशों, जापान एवं दक्षिण कोरिया में मोबाइल फोन, माइक्रोफोन तथा कंपोनेन्ट्स जैसे मुख्य उत्पादों हेतु बाजार विविधीकरण एवं प्रवेश की संभावनाएं
    • संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन में कंप्यूटर तथा लैपटॉप जैसे प्रमुख उत्पादों हेतु बाजार विविधीकरण

    सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयां

    • औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में कार्यबल हेतु स्वयं अथवा पीपीपी मोड पर किराये के शयनगृहों (डोरमेट्री) का विकास
    • ई.एस.डी.एम. निवेशकों हेतु प्लग-एंड-प्ले मॉडल पर अथवा पीपीपी मोड पर किराये की सुविधाओं का विकास
    भविष्य में विकास नियोजन हेतु संभावित जनपद
     निवेश सारथी निवेश मित्रा