नीति के प्रमुख उद्देश्य
उत्तर प्रदेश में
डेयरी इकाइयों को प्रोत्साहित करना तथा निवेश आकर्षित करना
ग्राम्य आजीविका
में वैविद्य लाना तथा कृषकों हेतु सही मूल्य सुनिश्चित करना
उत्तर प्रदेश में वहनीय मूल्यों पर
दुग्ध उत्पादान में वृद्धि करना
 तकनीकी प्रगति, शोध व विकास तथा
नवाचार को प्रोत्साहित करना
नीति की प्रमुख विशेषताएँ
- पूंजीगत अनुवृत्ति – अवसंरचना/विस्तार/वैविध्य्यीकरण सृजित करने की लागत पर @25% की अनुवृत्ति
 - एम एस एम ई दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों पर 5 वर्षों तक ब्याज की @100 अनुवृत्ति
 - गैर-एम एस एम ई दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों पर 5 वर्षों तक 7& की ब्याज अनुवृत्ति
 - विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की लागत पर 50% की अनुवृत्ति
 - निर्यात को बढ़ावा देने पर
- विदेशों में नमूने भेजने की लागत पर 50% की अनुवृत्ति
 - संयंत्र से हवाई अड्डे/बन्दरगाह तक प्रसंस्कृत उत्पाद के परिवहन पर 3 वर्षों तक भाड़े में 25% की अनुवृत्ति
 - हवाई मार्ग से उत्पाद भेजे जाने के भाड़े में 3 वर्षों तक 20% की अनुवृत्ति
 
 - गुणवत्ता प्रमाणन शुल्क तथा परीक्षण शुल्क पर 50% की प्रतिपूर्ति
 - एकस्व दावा शुल्क पर 75% की प्रतिपूर्ति (केवल एक बार)
 
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        अद्यतित – अक्टूबर 14, 2021)
    

                                    
                                
   























