नीति के प्रमुख उद्देश्य
- राज्य को देश के
रक्षा व एयरोस्पेस विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना - राज्य में निजी डिफेंस एण्ड
एयरोस्पेस पार्क की स्थापना को बढ़ावा देना
उन इकाइयों को सहायता प्रदान करना जो स्वयं को डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस गलियारे में स्थापित करना चाहती हैं- डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस क्षेत्र में शोध
व विकास को बढ़ावा देना
नीति के प्रमुख बिन्दु
- पूंजीगत अनुवृत्ति – बुंदेलखंड क्षेत्र में मेगा एंकर व एंकर डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस इकाइयों की स्थापना पर एफ़ सी आई (भूमि की लागत के अतिरिक्त) 10 करोड़ रूपए तक होने पर @10% तक , बुंदेलखंड क्षेत्र में एम एस एम ई तथा वेंडर यूनिट की स्थापना पर अधिकतम 15 करोड़ रूपये होने पर @15%, एफ़ सी आई (भूमि की लागत के अतिरिक्त) 5 करोड़ रूपए तक होने पर @5 % तक, @7.5% अधिकतम 7.5 करोड़ रूपए होने पर, एफ़ सी आई का @10% अधिकतम 10 करोड़ रूपए तक के निवेश पर तथा बुंदेलखंड क्षेत्र में निजी डिफेंस व एयरोस्पेस पार्क की 15 करोड़ रूपए की लागत के साथ स्थापना पर @15%, तथा 1 करोड़ रूपए तक के निवेश के साथ ई टी पी (मेगा एंकर व एंकर इकाइयों) की स्थापना पर @20% की अनुवृत्ति
- सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना करने पर अनुदान – @25% जिसमें 75% अनुदान भारत सरकार द्वारा दिया जाता है
- स्टांप शुल्क – @100% की छूट
- मेगा एंकर तथा एंकर इकाइयों को परिवहन अनुवृत्ति – @50% अनुवृत्ति अधिकतम समेकित 2 करोड़ रूपए तक लोजिस्टिक पार्क/ट्रांसपोर्ट हब/बन्दरगाह/हार्बर से उत्पादन इकाई तक आयातित संयंत्र के परिवहन हेतु, @30% अनुवृत्ति 1 करोड़ रूपए तक (प्रतिवर्ष 5 वर्षों तक) उत्पादित वस्तुओं का निर्माण इकाई से लोजिस्टिक पार्क/ट्रांसपोर्ट हब/बन्दरगाह/हार्बर तक परिवहन किए जाने पर
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (मेगा एंकर तथा एंकर इकाइयां) @75% अन्य 5 इकाइयों हेतु तथा @50% अगली 5 इकाइयों हेतु रूपए 50 लाख प्रति इकाई
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14, 2021) नीति के पत्रजात डाउनलोड करें (भाषा हिन्दी साइज :
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