प्रमुख नीतिगत उद्देश्य
- उत्पादकों को उनकी उपज का शुद्ध व पारिश्रमिक मूल्य
- कच्चे माल के मूल्य में मूल्य संवर्धन सुनिश्चित करना
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देना
- उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की सरल उपलब्धता
- इस क्षेत्र में नए रोजगार अवसरों का सृजन
नीति की प्रमुख विशेषताएँ
उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2017
- पूंजीगत निवेश अनुवृत्ति @25% अधिकतम 50 लाख रूपए तक
- मेगा फ़ूड पार्क को अतिरिक्त सहायता अनुदान – संपदा योजना के अन्तर्गत रूपए 50 करोड़ तक
- अतिरिक्त सहायता अनुदान – फल तथा शाकभाजी प्रसंस्करण उद्योगों पर संपदा योजना के अन्तर्गत @10%
- ब्याज अनुवृत्ति- 5 वर्षों के लिए सूक्ष्म तथा लघु खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों हेतु @100% तथा सूक्ष्म तथा लघु खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों से अतिरिक्त की स्थापना हेतु 5 वर्षों के लिए @7%
- ब्याज अनुवृत्ति – रीफ़र वाहन/मोबाइल कूलिंग वैन के क्रय हेतु 5 वर्षों के लिए @7%
- निर्यात संवर्धन प्रोत्साहन – टेस्ट मार्केटिंग हेतु प्रसंस्कृत खाद्य नमूनों के निर्यात पर हुए व्यय पर @50% तक की प्रतिपूर्ति तथा 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए तक की परिवहन लागत पर 25% की प्रतिपूर्ति , 3 वर्षों हेतु प्रतिवर्ष प्रति लाभार्थी 20 लाख रूपये तक की फ़्री ऑन बोर्ड वैल्यू पर 20% के प्रतिपूर्ति
- एकस्व पंजीयन शुल्क – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत गुणवत्ता प्रमाणन हेतु गुणवत्ता प्रमाणन शुल्क के @50% के प्रतिपूर्ति तथा एकस्व पंजीयन शुल्क की 75% प्रतिपूर्ति
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अक्टूबर 15, 2021 नीति दस्तावेज़ डाउनलोड करें (भाषा हिन्दी) साइज :127 KB
अंतिम अद्यतित – अक्टूबर 15, 2021