नीति के प्रमुख उद्देश्य
- एक प्रवाहकीय व्यापार परिवेश का सृजन करना व नागरिक उड्डयन अवसंरचना के ठोस विकास हेतु उचित प्रोत्साहन प्रदान करना
- वायु संपर्क प्रणाली में आर सी एस के अन्तर्गत नए मार्गों के विकास के माध्यम से प्रोत्साहन देकर सुधार करना तथा राज्य के नॉन-आरसीएस विमानपत्तनों का आंतरिक संपर्क के माध्यम से सुविधायन करना
- व्यापार का सुविधायन करना व रोज़गार के अवसर सृजित करना
- राज्य में वायु मार्ग द्वारा ढुलाई के विकास को समर्थन प्रदान करना तथा पूर्ति केंद्रों का विकास करना
- राज्य में अनुरक्षण, दोष सुधार तथा जीर्णोद्वार (एम आर ओ) सुविधाओं का विकास करना
नीति की प्रमुख विशेषताएँ
- क्षेत्रीय संपर्क योजना में सम्मिलित विमानपत्तनों को ए टी एफ़ पर 10 वर्षों हेतु ‘0’ वैट
- 1 वर्ष हेतु प्रदेश के भीतर नॉन-आरसी एस विमानपत्तनों का प्रदेश से बाहर स्थित नॉन-एनआरसी विमानपत्तनों से संपर्क करने ‘0’ वैट
- 1 वर्ष हेतु प्रदेश के भीतर स्थित नॉन-आरसीएस विमानपत्तनों के आपस में जोड़े जाने पर ‘0’ वैट
- व्यवहार्यता रिक्ति निधिकरण – (कुल सीटों के 50% हेतु) आर सी एस के अनुसार @20% राज्यान्श
- विद्युत – रू. 4/- प्रति यूनिट 30000 यूनिट्स तक
- वायु टिकटों के विक्रय पर एस जी एस टी की प्रतिपूर्ति – आर सी एस उड़ानों पर 3 वर्षों हेतु 100% की प्रतिपूर्ति
- – प्रदेश में स्थित नॉन-आर सी एस विमानपत्तनों तक नई उड़ानों पर 1 वर्ष हेतु @100% की प्रतिपूर्ति
- – प्रदेश के बाहर स्थित नॉन-आर सी एस विमानपत्तनों तक नई उड़ानों पर 1 वर्ष हेतु @100% की प्रतिपूर्ति
- उत्तर प्रदेश सरकार के आर सी एस विमानपत्तनों पर (3 वर्षों हेतु) एयरपोर्ट पार्किंग/नाइट हाल्ट हेतु ‘0’ प्रभार
- उत्तर प्रदेश सरकार के आर सी एस विमानपत्तनों पर (3 वर्षों हेतु) उत्तर प्रदेश सरकार के एयरलाइन कार्यालयों के लिए (100 वर्गमीटर) स्थान @’0’ किराये पर
- आर सी एस विमानपत्तनों पर अथवा मंडल मुख्यालयों पर लगने वाले रूट नेविगेशन एण्ड फ़ेसीलिटेशन चार्ज (आर एन एफ़ सी) पर 50% (अधिकतम रू. 2000/- तक) की प्रतिपूर्ति 3 वर्षों तक