नीति के प्रमुख उद्देश्य
- उत्तर प्रदेश को
इलेक्ट्रिनिक्स उद्योग के पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करना - राज्य में 3 इलेक्ट्रॉनिक्स
विनिर्माण समूहों (ई एम सी) की स्थापना करना - राज्य में लगभग 4 लाख (0.4
मिलियन) रोज़गार के अवसर प्रदान करना - राज्य में शोध, नवाचार व उद्यमिता की
संस्कृति का पोषण करना
नीति के प्रमुख बिन्दु
- ब्याज अनुवृत्ति @ 5% प्रति वर्ष ब्याज दरों पर (ऋण के माध्यम से किए गए 200 करोड़ रूपए तक के निवेश पर) अधिकतम रूपए 1 करोड़ तक की प्रतिपूर्ति प्रतिवर्ष प्रतिइकाई 5 वर्षों हेतु की जाती है (अधिकतम रूपए 5 करोड़ प्रति इकाई) – ई एस डी एम इकाइयों को वार्षिक ब्याज का @60% तक 7 वर्षों हेतु 10 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष जिसकी अधिकतम सीमा प्रति निजी ई एस डी एम पार्क रूपए 50 करोड़ है
- स्टाम्प शुल्क – निजी ई एस डी एम इकाइयों की स्थापना हेतु भूमि क्रय/पट्टे पर लेने पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क की @100% की प्रतिपूर्ति, स्वामी से विकासकर्ता/एस पी वी को प्रथम अंतरण पर @100% की प्रतिपूर्ति, ई एम सी/ई एस डी एम पारके की स्थापना हेतु भूमि क्रय/पट्टे पर लेने पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क में विकासकर्ता/एस पी वी से ई एस डी एम इकाई को द्वितीय अंतरण पर @50% की प्रतिपूर्ति उपलब्ध होगी
- एकस्व फाइलिंग – घरेलू एकस्व दावों के प्रभार पर रूपए 5 लाख तथा अन्तर्राष्ट्रीय एकस्व दावों के प्रभार पर रूपए 10 लाख, प्रतिपूर्ति वास्तविक व्यय पर
- भूमि अनुवृत्ति – मध्यांचल व पश्चिमाञ्चल क्षेत्रों में राज्य संस्थाओं से भूमि क्रय करने पर प्रचलित दरों पर @25% की प्रतिपूर्ति, बुन्देलखण्ड व पूर्वाञ्चल क्षेत्रों में राज्य संस्थाओं से भूमि क्रय किए जाने पर प्रचलित दरों की 50% अनुवृत्ति
- ऊर्जा प्रतिपूर्ति – सभी ई एस डी एम इकाइयों पर अधिकतम 10 वर्षों हेतु ऊर्जा शुल्क में @50% की प्रतिपूर्ति की जाएगी
नीति पत्रजात डाउनलोड करें (भाषा अंग्रेज़ी साइज :1.42 MB अंतिम अद्यतित – अक्टूबर 20, 2021)
नीति दस्तावेज़ डाउनलोड करें (भाषा हिन्दी साइज :246 KB अंतिम अद्यतित – सितंबर 09, 2022)