नीति के प्रमुख उद्देश्य
- 2023 तक भारत का सर्वाधिक इच्छित गंतव्य बनना
- प्रति वर्ष 500 करोड़ रूपये तक का निवेश
आकर्षित करने का लक्ष्य - प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख व्यक्तियों
को रोज़गार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य - प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख व्यक्तियों
को रोज़गार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य - संपूर्ण
राज्य में जन सेवाओं के स्तर को बढ़ाना तथा उच्च कोटि का आगंतुक अनुभव प्रदान करना
नीति की प्रमुख विशेषताएँ
- पूंजीगत निवेश अनुवृत्ति
- रू .10 करोड़ तक के नए होटल्स/रिसोर्ट्स को @15%
- रू .10 करोड़ तक के वेलनेस सेंटर्स को @15%
- रू .1 करोड़ तक के नए स्पोर्ट्स रिसार्ट को @10%
- रू . 1.5 करोड़ तक के नए बजट होटल्स को @15%
- रू . 50 लाख तक के नए टेंट आवास को @20%
- रू . 1.5 करोड़ तक की नई विरासत संपत्तियों को @25% (अधिक श्रेणियों के बारे में जानने हेतु कृपया पूरी नीति
का अवलोकन करें)
- रू. 25 लाख तक की सभी नई इकाइयों को 5 वर्षों तक @5% की दर से ब्याज अनुवृत्ति
- संपत्ति के पहली बार विक्रय/पट्टे पर देने/हस्तांतरण करने पर स्टाम्प शुल्क से @100 की छूट
- सभी पर्यटन इकाइयों के भू परिवर्तन वी विकास प्रभार पर @100% की छूट
- कौशल विकास अनुवृत्ति –10000 रू प्रति व्यक्ति के आतिथ्य सत्कार संबंधित पाठ्यक्रमों पर @100% प्रतिपूर्ति
- घरेलू एवं दुर्लभ कला, संगीत, लोक नृत्य, हस्तशिल्प व पाककला को पुनर्जीवन देने के लिए 5 लाख व्यक्ति/समूह
- आबकारी अनुज्ञा पत्र शुल्क छूट – ग्रामीण क्षेत्रों में विरासत होटल की स्थापना पर आबकारी अनुज्ञा पत्र शुल्क से @100% की छूट
नीति दस्तावेज़ डाउनलोड करें (भाषा अंग्रेज़ी साइज :10.7 MB अंतिम
अद्यतित – अक्टूबर 15, 2021)