नीति के मुख्य उद्देश्य
- स्थानीय शिल्प/कौशल तथा कला को संरक्षण,
विकास व बढ़ावा देना - आय तथा स्थानीय रोज़गार में वृद्धि करना
- उत्पाद की गुणवत्ता तथा कौशल विकास को बढ़ावा देना
नीति के प्रमुख बिन्दु
योजना के क्रियान्वयन हेतु, प्रत्येक जनपद के उत्पादों के लिए निम्नलिखित कार्यवाहियाँ की जानी हैं
- परिसंचरण, हितधारक, कुल उत्पादन, निर्यात, कच्चे माल की उपलब्धता तथा प्रशिक्षण की व्यवस्था पर डाटाबेस तैयार करना
- उत्पादन, विकास तथा उत्पाद के विपणन की संभावना के संबंध में शोध करना
- उत्पाद विकास, विपणन प्रोत्साहन तथा संबन्धित शिल्पकारों व कार्मिकों के रोजगार व मजदूरी में वृद्धि हेतु सूक्ष्म योजना तैयार करना
- जनपद, राज्य, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार, प्रसार व विपणन के अवसर प्रदान करना
- मुद्रा, पीएमईजीपी, भारत सरकार की स्टैंड अप योजनाओं, साथ ही साथ नई व विद्यमान इकाइयों हेतु वांछित निधि की व्यवस्था हेतु उत्तर प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री युवा रोज़गार योजना व विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के साथ आवश्यक समन्वय, | उद्देश्य की पूर्ति हेतु आवश्यकता के अनुसार नई योजनाओं को प्रारम्भ करना
- सहकारी व स्वयं सहायता समूहों का गठन करना, सामान्य व तकनीकी प्रशिक्षण आयोजित करना तथा प्रौद्योगिकी विकास करना
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अद्यतित – अक्टूबर 14, 2021)